1100 से भी ज्यादा फिल्मो में नज़र आ चुके ब्रम्हानन्दम वो कॉमेडियन है, जिनके बोलने से पहले ही हमारी हंसी निकल जाती है. भले ही वो फिल्म के मुख्य भूमिका में नजर नहीं आते लेकिन उसके बावजूद भी उनकी गैर मौजूदगी में Tollywood फ़िल्में अधूरी अधूरी सी लगती है.
ब्रम्हानंदम के नाम पर एक जीवित एक्टर के नाम पर सबसे ज्यादा फिल्मों में कम करने का वर्ल्ड गिनिस रिकॉर्ड है. साथ ही सिनेमा जगत में उनके योगदान के लिए 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पदमश्री के सम्मान से नवाज़ा है. और ब्रम्हानंदम आज के समय में वन ऑफ द हाईएस्ट पैड कॉमेडी एक्टर में से एक है.
लेकिन क्या आपको पता है की ब्रम्हानंदम फ़िल्मी दुनिया में आने से पहले एल साधारण से शिक्षक थे. शायद ये बात आपको नहीं पता होगी.
तो चलिए दोस्तों इसी तरह के interesting बातो को जानने के लिए हम ब्रम्हानंदम की लाइफ स्टोरी को शुरू से जानते है.
तो दोस्तों इस कहानी की शुरुआत होती है 1 फ़रवरी 1956 से. जब आन्ध्रप्रदेश के सत्यनापल्ली नाम की जगह पर ब्रम्हानंदम का जन्म हुआ. उन्हें एक्टिंग का शौक तो बचपन से ही था, लेकिन शुरुआत से ही उन्हें फ़िल्मी दुनिया में जाने के लिए कोई गाइड करने वाला नही था. और इस तरह से वे बचपन से ही पढाई में लगे रहे और आगे चलकर एल टीचर बन गए. हालाँकि टीचर बनने के बावजूद भी उनमे एक्टिंग का जज्बा कभी खत्म नही हुआ. और अपने आप को फिल्मो में आजमाने के लिए उन्होंने बहुत सारे ओडीशंस देना भी शुरू कर दिए.
काफी प्रयासों और एक्टिंग में improment करने के बाद उनके टैलेंट को पहली बार पहचाना जन्धयाला सुभ्रमन्य ने. और फिर 1986 में आई फिल्म शांता बाई में उन्हें एक बहुत ही छोटा सा रोल दे दिया गया. और इस तरह Tollywood में ब्रम्हानंदम का करियर स्टार्ट हुआ.
बस फिर क्या था, ब्रम्हानंदम के अन्दर टैलेंट तो कूट-कूट कर भरी हुई थी. उनकी शानदार एक्टिंग को देखते हुए उन्हें बहुत सारे फिल्मो में काम मिलने शुरू हो गये. साऊथ के सुपरस्टार चिरंजीव भी उनसे काफी प्रभावित थे. इसलिए उन्होंने ब्रम्हानंदम के साथ पासीवादी प्रणाम, चक्रवर्ती और स्वयं क्रूशी जैसी बहुत सारे फिल्मो में काम किया.
90 के दशक में उन्हें हीरो के दोस्त के तौर पर भी बहुत साडी फिल्मो में भी कॉमेडी करने का मौका मिला. और अब उनकी भूमिका हीरो के बाद फिल्मो में सबसे ज्यादा हुआ करती थी. भले ही वो सिर्फ कॉमेडी करते थे, पर उनका अंदाज कुछ इस तरह था कि वह सीरियस से सीरियस सिचुएशन में भी कॉमेडी करके दर्शकों को हंसा देते थे.
1992 में बाबई होटल फिल्म के लिए ब्रम्हानंदम को फिल्मफेयर बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड मिला. हालाँकि यह तो अभी बस शुरुआत था. इसके बाद भी उनके शानदार टैलेंट की वजह से उन्हें बहुत सरे अवार्ड्स मिलते रहे.
1993 में उन्हें मणि फिल्म में किये गए उनके अभिनय के लिए उनको नंदी अवार्ड फ्रॉम बेस्ट मेल कॉमेडियन मिला. और फिर 1994 में अन्ना फिल्म के लिए उन्हें नंदी अवार्ड फॉर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर मिला. शुरुआत में मिले इस अवार्ड के अलावा भी उनके पास कुल 5 नंदी अवार्ड, एक फिल्मफयेर अवार्ड साऊथ, 6 सिनेमा अवार्ड्स और 3 साऊथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवार्ड्स है. जो की उनकी शानदार कॉमिक टाइमिंग और टैलेंट को दिखाता है. और दोस्तों आपको बता दूँ की नंदी अवार्ड्स तेलगु सिनेमा का हाईएस्ट अवार्ड सेरेमनी होता है.
आज के समय में ब्रम्हानंदम एक फिल्म के करीब एक करोड़ रूपए लेते है, और उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि फिल्ममेकर्स को भी उतने पैसे पे करने में कोई दिक्कत महसूस नही होगी. और इसिलए तो ब्रम्हानंदम लगभग हर Tollywood फिल्मों में हमें दिखाई दे ही देते हैं.
उनकी कुल संपत्ति 350 करोड़ के आसपास आंकी गई है. जो की किसी भी नार्मल सपोर्टिंग रोल करने वाले एक्टर के हिसाब से बहुत ही ज्यादा है.
और अगर उनकी पर्सनल लाइफ की बात की जाये तो उनकी पत्नी का नाम लक्ष्मी है और लक्ष्मी से उन्हें दो बच्चे भी है. जिनका नाम राजा गौतम और सिद्धार्थ है.
तो दोस्तों ये थी कहानी Tollywood फिल्मों के कॉमेडी किंग ब्रम्हानंदम की. जो की शुरुआती दौर में बहुत ही साधारण तरीके से आगे बढ़े और टीचर बने. लेकिन अपने पैशन को फॉलो करते हुए उन्होंने इतिहास रच दिया. और दोस्तों आपके लिए भी बस यही मेसज है की आप भी वाही काम करें जो की आपको पसंद है. अगर आपने ऐसा किया तो आपकी और आपके सफलता के बीच कोई भी नही आ सकता.
इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए आपका बुहत बहुत धन्यवाद.
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